लाखों देख बदली नियत, अब बिना पैसा दिये दुकान खाली करनें का बना रहा दबाव
ऑपरेशन शंखनाद के नाम पर मूलधन भी डकारनें में लगे मौकापरस्त
शहडोल/बुढ़ार(प्रकाश सिंह परिहार):-यूं तो समाज में सूजखोरी से त्रस्त लोगों की संख्या कम नहीं है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होनें स्वयं के लाभ के लिये दूसरों से कर्ज लिया और अब वह उनके मूलधन को भी डकारनें की फिराक में जुट गये। इन परिस्थितियों में वो लोग जो कभी दूसरों की मदद के लिये आगे आते थे वह भी अब पीछे हटनें लगे हैं। विषम परिस्थितियों में जिनकी मदद से लोग अपनें बिगडे काम को बना लेते थे आज उनके लिये विषम परिस्थितियां निर्मित हो चुकी है। गौरतलब है कि साहूकारी प्रथा एवं कर्ज लेनें की समस्या दो अलग अलग विषय हैं जहां एक ओर महंगे दरों पर ब्याज की वशूली करनें वाले साहूकारों पर शिकंजा कसनें का कार्य पुलिस प्रशासन द्वारा बखूबी किया गया है वहां ऐसे मददगार लोगों के मूल धन की वापसी की जिम्मेदारी भी पुलिस प्रशासन की है। जिससे समाज में उन लोगों को भी ऐसा सामना न करना पड़े जो आर्थिक परिस्थितियों में लोगों की मदद करनें के लिये सामनें आते थे। उल्लेखनीय है कि धनपुरी नगर के जिया फैशन हाउस नामक दुकानदार संचालक का सामनें आया है जिसमें पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक शहडोल से करते हुये अपनी पक्ष रखनें की गुहार लगाई है।
यह है मामला.....
बुढ़ार के कालेज चौराहे स्थित जिया फैशन हाउस के संचालक मुनव्वर अली नें शिकायत कर बताया है कि वर्ष 2015 में धनपुरी निवासी उसके मित्र अब्दुस रशीद द्वारा अपनी एक भूमि पर दुकान निर्माण हेतु पांच लाख रुपये लोन में मदद करनें की बात कही गई जिसके बाद मुनव्वर अली नें उक्त लोन में अपनें मित्र का बकायदे गारंटर बना , बावजूद इसके दुकान पूर्ण न हो सका। पीडित नें बताया उनके द्वारा दुकान किराये पर लेनें की अब्दुल रशीद से चर्चा की गई और दुकान का शेष कार्य पूर्ण कराकर उक्त रकम की आदायगी किराये के अंश भाग काटकर कर लेनें को कहा गया। आपसी सहमति पर वह अब्दुस रशीद इस बात के लिये राजी हो गया। आपसी रजामंदी पर पीडित मुनव्वर नें उक्त दुकान के शेष निर्माण और साज सज्जा में 70 लाख रुपये से ज्यादा की राशि खर्च कर दी। दुकान का संचालन शुरु कर दिया। इस दौरान कई विभिन्न परिस्थियों में दुकान संचालक नें अब्दुल रशीद की आर्थिक मदद भी की। पीडित नें बताया कि दुकान खुलनें के कुछ समय बाद ही कोरोना काल में दुकानें बंद रही और व्यापार भी पूरी तरह ठप्प पड़ गया। लेकिन वह अब्दुल रशीद को समय पर किराये का भुगतान करता रहा। पीडित नें बताया कि दुकान के अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुये दुकान मालिक अब्दुल लागत की रकम भी कटौती करनें से मना कर आने वाले समय में कटौती कर लेनें को कहता रहा।
ऑपरेशन शंखनाद के बाद बदली नियत
वहीं बीते दिनों सूदखोरी के विरुद्ध ऑपरेशन शंखदान में की गई कार्यवाही में दुकान संचालक मुनव्वर पर हुई कार्यवाही के बाद मकान मालिक नें इसे अपना ढाल बना लिया। पीडित मुनव्वर नें शिकायत कर बताया कि मकान मालिक अब्दुल रशीद द्वारा अब उससे दुकान खाली करानें की बात की जा रही है। जबकि उसके द्वारा आपसी समझौते के आधार पर उक्त शेष निर्माण और साज सज्जा में लाखों रुपये की राशि खर्च कर दी गई। जिसे वह बिना वापस किये हड़पना चाहता है। पीडित ने बताया उक्त निर्माण में उसके द्वारा किये गये तमाम खर्च का ब्यौरा और उस दौरान इस कार्य में लगे भुगतान प्राप्त मजदूर व दुकानदार है जिनसे वह इस बात कि पुष्टि भी करा सकता है।
लाखों का चपत लगानें की साजिश
पीडित नें बताया कि उसके द्वारा दुकान खाली कर देनें की स्थिति में उसके द्वारा खर्च की गई लाखों की रकम जहां वापस नहीं मिल सकेगी वहीं सुसज्जित दुकान भी उपलब्ध नहीं हो सकेगा। इन परिस्थितियों में पीडित नें पूरे मामले की शिकायत कर पुलिस अधीक्षक से कर अपना पक्ष रखते हुये न्याय की मांग की है।
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