कूट रचित दस्तावेज तैयार करवाकर पटवारी ने एक ही जमीन को दो लोगों के नाम किया रजिस्ट्री, लगे आरोप
सरकारी ज़मीन, व अन्यत्र जमीन के हेरफेर कर बिक्री मामले पर पटवारी राजीव द्विवेदी है संभाग में अव्वल
शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्यवाही, मैनेजमेंट के चर्चे हुये आम
इंट्रो:- कोतमा क्षेत्र में इन दिनों जमीन की खरीद-फरोख्त व बिक्री का कार्य जोरों पर है जिसके लिए अधिकारियों के ऑफिस के बाहर दलालों की भीड़ लगी होती है, जिनका काम पैसों के दम पर अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर जमीनों के क्रय विक्रय का खेल खेला जाता है सरकारी जमीन की रजिस्ट्री हो या फिर किसी और के जमीन को पैसों के लालच में आकर पटवारी राजीव द्विवेदी द्वारा कूट रचित दस्तावेज तैयार करवा कर आसानी से बिक्री कर रजिस्ट्री करवा दी जाती है ऐसे कारनामों के कारण पूरे पटवारी समाज के ऊपर से जनता का विश्वास उठते जा रहा है, जनता के प्रति पटवारियों का विश्वास कायम करने के लिए उच्च अधिकारियों को इस तरह के कृत्य करने वाले पटवारी पर कार्यवाही करने की जरूरत है!
अनूपपुर(कोतमा):- मध्यप्रदेश के अंतिम छोर में बसे अनूपपुर जिले के कोतमा तहसील अंतर्गत कई भूमियों का अवैध प्लटिंग किया जा रहा है जिनमें से कुछ भूमि शासकीय तो कुछ आदिवासियों की बताई जा रही है। जानकारों का मानना है कि हो रहे अवैध प्लाटिंग को लेकर सफेद पोश नेताओं का संरक्षण प्राप्त है इस प्रकार की कई शिकायत होने के बाद भी कार्यवाही ना होने से कूट रचित दस्तावेज के आधार पर खरीद फरोख्त का धंधा चल रहा है इन गतिविधियों के बीच बहुचर्चित पटवारी राजीव दुबेदी ब्लॉक सहित जिले में सुर्खियों में बने रहते हैं समाज के शुभचिंतकों और प्रताड़ित व्यक्तियों द्वारा शिकायत करने के बाद न्याय ना होने से कोतमा में चल रहे भूमियों के क्रय-विक्रय व अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है!
यह है मामला
शिकायतकर्ता समीर गांगुली पिता खुदीराम गांगुली निवासी वार्ड नं.-08 कोतमा का रहवासी है मेरे द्वारा क्रय की गई भूमि ग्राम कल्याणपुर हल्का कल्याणपुर तहसील कोतमा से आराजी 101/1/1/6 रकवा 0.044 हे. एवं ख0नं0-101/1/2/1/1/1 का 11052 हे0 कुल 02 किता कुल रकवा 0.096 हे भूमि है जिसे मुझे प्रार्थी के द्वारा निब्बूलाल बसोर पिता जग्गू बसोर से दिनांक 30.03.2013 क्रय किया था क्रय दिनांक से लेकर आज दिनांक तक उक्त भूमि पर काबिज दाखिल चला आ रहा हूँ। मुझ प्रार्थी के द्वारा अपने उक्त भूमि का नक्शा तर्मिम भी तहसीलदार महोदय कोतमा से कराया जा चुका है अर्थात् मै अपनी तमीम शुदा भूमि पर ही काबिज दाखिल हूँ मेरे द्वारा अपने भूमि के सीमांकन के लिये भी दिनांक 20.03.2018 को लोक सेवा के माध्यम से आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है किन्तु आज दिनांक तक उपरोक्त भूमि का सीमांकन नहीं किया गया है. ग्राम कल्याणपुर की उपरोक्त भूमि में से खसरा नं0-101/1//5 रकवा 0.098 हे भूमि को फर्जी तरीके से हल्का पटवारी कोतमा द्वारा खसरा में इन्द्राज कर रामकिशन केवट पिता बाबूलाल केवट के नाम पर चढ़ा दिया गया और ऋण पुस्तिका उसे प्रदान कर दी गई जबकि रामकिशन केवट के कथन अनुसार उपरोक्त भूमि मौके पर है ही "नही रामकिशन केवट के द्वारा उपरोक्त भूमि वर्ष 2005 में निब्बूलाल बसोर को विक्रय कर कब्जा दखल दे दिया गया था और उसी भूमि को मेरे द्वारा वर्ष 2013 में क्रय किया था इसके बावजूद भी हल्का पटवारी कोतमा ने जानबूझकर रामकिशन केवट के नाम उपरोक्त भूमि का फर्जी खसरा व ऋण पुस्तिका तैयार किया और उपरोक्त भूमि हीरालाल बसोर को दिनांक 18.06.2021 को रजिस्ट्री करा दी गई जिसका नामांतरण हल्का पटवारी कोतमा के द्वारा करके ऋण पुस्तिका एल क्र.- AN0010042 हीरालाल बसोर के नाम पर जारी कर दी गई है। हीरालाल बसोर के द्वारा उक्त भूमि की जो रजिस्ट्री कराई गई है वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करायी गई है जिसमें मेरे कब्जे की चौहद्दी को अपनी चौहद्दी बताया गया साथ ही मौका पर भूमि की फोटो न खींच कर अन्यत्र स्थान की फोटो लगाकर रजिस्ट्री करायी गई है रजिस्ट्री और पट्टा हीरालाल बसोर के नाम पर हो जाने पर हीरालाल भूमि को हथियाने के फिराक में मुझसे विवाद, मारपीट पर उतारू हो रहा है एवं मुझे हरिजन एक्ट में फसाने की धमकी दे रहा है, जिसकी शिकायत दिनांक 30.03.2022 को थाना कोतमा में किया हूँ! हीरालाल बसोर के रजिस्ट्री के संबंध में विक्रेता से जब बात की गई तब विक्रेता रामकिशन केवट ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि मेरे द्वारा विक्रय की जा रही भूमि कहां है मै नहीं जनता मुझे राजीव द्विवेदी हल्का पटवारी कोतमा ने खसरा और पट्टा फर्जी तरीके से बनाकर दिया और कहा कि 1.50,000/-रू0 लेकर उक्त भूमि हीरालाल बसोर को विक्रय कर दो और उसके कहने पर मै उक्त भूमि विक्रय कर दिया, विक्रेता ने स्वयं यह कहा कि मैं जानता हूँ कि मेरे पास भूमि नहीं है इसके बावजूद भी हल्का पटवारी ने फर्जी खसरा और पट्टा रामकिशन केवट के नाम पर तैयार कर उपरोक्त रजिस्ट्री का निष्पादन करा दिया क्योंकि रामकिशन केवट हल्का पटवारी का कोटवार है और उसके अधिनस्थ कर्मचारी है जिसका दबाव में वह कुछ कह नहीं पाया और वह वर्तमान अपने द्वारा की गई रजिस्ट्री को निरस्त कराने को पूर्णरूपेण तैयार था किन्तु आज दबाव वस वह आज तैयार नहीं है! कई बार सक्षम अधिकारियो के पास शिकायत के बाद भी न्याय न मिलने पर शिकायतकर्ता के कोट के समक्ष न्याय की गुहार लगाई !
अधिकारियों का मिल रहा खुला संरक्षण
इस तरह के खेल खेलने में माहिर पटवारी राजीव द्विवेदी के ऊपर दर्जनों शिकायत होने के बाद भी कोई करवाही नहीं हुईं, और इनकी पदस्थापना जहां-जहां हुई वहां इनके द्वारा सरकारी जमीन के साथ-साथ अहस्तांतरित भूमि को भी मोटी रकम ले कर बेच दी गई, इनके कार्यकाल के दौरान कोतमा मे किये गये कार्यों की भौतिक सत्यापन या फिर निष्पक्ष जांच की जाये तो इस तरह के कई फर्जी मामलो का खुलासा होगा!जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियों तक तो हुई लेकिन शिकायत कहीं रद्दी की टोकरी में धूल खाती हुई पड़ी रहती है क्योंकि शिकायतकर्ता द्वारा यह उल्लेख किया गया है कि ऐसे कार्य करने के एवज में मेरे द्वारा उच्च अधिकारियों को पैसा पहुंचाया जाता है जिसके दम पर जांच मैंनेज करली जाती है!
कूट रचित दस्तावेज तैयार कर एक जमीन के बना दिया दो बटांक
शिकायतकर्ता द्वारा यह भी बताया गया कि जमीन एक होने के बाद उसकी बिक्री व रजिस्ट्री करने हेतु 2 बटांक बनाया गया और साथ ही रजिस्ट्री में लगाए गए फोटो को उक्त जमीन में ना खींच कर एसडीएम कार्यालय के बगल में खड़े कर फोटो खींच कर जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई अधिकारियों के दफ़्तर में दर-दर भटकने के बाद न्याय न मिलने के कारण 65 वर्षीय बुजुर्ग ने न्यायालय के समक्ष परिवाद पेश की गई जिसमे प्रथम श्रेणी न्यायाधीश द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट थाना कोतमा से मांगी गई !
इनका कहना है
राजीव द्वेवेदी, पटवारी
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