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Saturday, January 14, 2023

केजी डेवलपर नियमों को दी तिलांजलि, नियम विरुद्ध संचालित हो रहा रेत खदान, माइनिंग विभाग दे रही संरक्षण



केजी डेवलपर नियमों को दी तिलांजलि, नियम विरुद्ध संचालित हो रहा रेत खदान, माइनिंग विभाग दे रही संरक्षण 


दैखल, बकही सहित अन्यत्र कई खदानों में सीमा के बाहर खनन और सीतापुर,चचाई में पानी के अंदर से निकाल रहे रेत



एनजीटी के नियमों को नहीं मानता रेत ठेकेदार, पॉल्यूशन अधिकारी सहित माइनिंग ने दे रखी है खुली छूट 


इंट्रो:-अनूपपुर जिला अंतर्गत केजी डेवलपर्स द्वारा खनिज रेत का मनमाने तरीके से स्वीकृत मात्रा से अधिक का उत्खनन करना आम बात है जिसकी निरंतर शिकायत जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों द्वारा  खनिज विभाग को समय-समय पर किया जाता रहा लेकिन जांच व कार्यवाही नहीं हुई, कुछ माह पहले ग्राम सीतापुर रेत खदान पर ठेकेदार की मनमानी रवैया, और मनमानी ढंग से उत्खनन बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील  कर दिया गया था जिसके कारण तीन मासूम बच्चों की जान रेत खदान सीतापुर ने ले ली! ऐसा ही कुछ हाल जिले के चचाई रेत खदान की भी है जहां ठेकेदार द्वारा हैवी पोकलैंड मशीन उतार कर पानी के अंदर से रेत खनन का कार्य किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर दैखल रेत खदान मे सीमा के बाहर उत्खनन का कार्य किया जा रहा है, जिसमें ठेकेदार द्वारा सरकार को मिलने वाले राजस्व को भी क्षति पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है!


अनूपपुर:-जिले में जबसे केजी डेवलपर क़ो  रेत खदानों का ठेका मिला है तब से हमेशा अवैध उत्खनन को लेकर सुर्खियों में रही है समय-समय पर मीडिया के जरिए माइनिंग विभाग व उच्च अधिकारियों तक जानकारी दी जाती है, कार्यवाही न होने से ठेकेदार द्वारा मनमानी ढंग से नियमों के विपरीत, व सीमा क्षेत्र के बाहर, बहती नदी का बहाव रोक हाईवे पोकलेन मशीन उतार कर सोन नदी के सीने को छलनी करने का कार्य या जा रहा है, बात करें तो सीतापुर रेत खदान सहित चचाई में रात होते ही मशीन के माध्यम से रेता नुमा पुल बना कर पानी के बहाव के बीच से रेत निकालने का कार्य किया जाता है, और एनजीटी के नियमों के विपरीत गीला रेत बेच परिवहन का कार्य किया जा रहा है!


 नदियों के भविष्य मे ठेकेदार बरसा रहा कहर..

ठेका कंपनी को स्थानीय रसूख का संरक्षण मिलने के बाद लगातार नदियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है कहीं बीच धार से रेत निकाल रही है तो कहीं धार की गति को रोककर आस्थाई  पुल का निर्माण कर लेना ठेका कंपनी के लिए आम हो गया है जिसकी जानकारी जिले में बैठे अधिकारियों को लगातार जानकारी  दी गई और अगर विभाग के अधिकारी अपनी खिड़की का फाटक खोल कर भी देखे तो नदी में बनाया हुआ अस्थाई पुल आसानी से दिख जाएगा लेकिन न ही माइनिंग विभाग को सरकारी दफ्तर से बाहर निकालने की फुर्सत है और न ही ठेका कंपनी के कंधों पर कार्यवाही करने की ताकत इन सारी चीजों को देखकर एक बात तो साफ है कि नदियों का भविष्य अधर पर है।


 यह कहते हैं नियम, ठेकेदार नियमों से काफ़ी दूर 

 खनन योजना एवं क्षेत्रीय  कार्यालय पर्यावरण द्वारा जारी CTO के अनुसार नदी के जलस्तर को देखते हुए अधिकतम 3 मीटर से अधिक या रेत  निकासी के समय ठेकेदार को 1 मीटर में भी जलस्तर आता है तो तत्काल उत्खनन बंद करना होता है परंतु बीते दिनों पैसों के लालच में ठेकेदार ने उत्खनन कार्य बंद नहीं किया जिसका खामियाजा सीतापुर रेत खदान में तीन मासूम बच्चों के डूबने से मौत हो गई उसके बाद भी ठेकेदार ठेकेदार केजी डेवलपर द्वारा मुख्यालय में संचालित सीतापुर, चचाई और दैखल रेत खादान मे नियमों को तिलांजलि देते हुए  इसी तरह कार्य करना शुरू कर दिया गया है जिसमें समय रहते रोक व जांच नहीं की गई तो अन्य घटना घटित होने की संभावना बनी रहेगी!


 सीमा क्षेत्र के बाहर खनन, जिम्मेदारों ने साधी मौन


मु ख्यालय से सटे दैखल, बकही सहित अन्यत्र कई रेत खदान जो केजी डेवलपर द्वारा संचालित की जा रही है,जहा इन दिनों रेत ठेकेदार द्वारा सीमा क्षेत्र के बाहर उत्खनन कार्य किया जा रहा है, जिससे शासन को राजस्व की हानि पहुंच रही है, यदि खनिज विभाग द्वारा समय रहते मौके पर निरीक्षण जांच व कार्यवाही नहीं की गई तो ठेकेदार द्वारा लीज छेत्र के बाहर उत्खनन करने सहित मनमानी ढंग से उनके सीने को छलनी करने का कार्य किया जाता रहेगा, वही बात करें तो चचाई और सीतापुर रेत खदान में शाम ढलते ही ठेकेदार द्वारा रेता नुमा पुल बना कर नदी के बहाव को रोक कर बीचोबीच रेत निकाल कर बेचने का कार्य किया जाता है, जिसका एक जीता जागता उदाहरण मुख्यालय व रेत खदान से सटे क्षेत्र में रेता ले जाने वाली गाड़ियों से सड़क पर बहता पानी चीख चीख कर ठेकेदार की मनमानी रवैया को दर्शाता है!


मानको की उड़ रही धज्जियां...

 वैसे तो कोई भी निर्माण कार्य  या फिर सरकार द्वारा संचालित किए गए कार्यों का कंस्ट्रक्शन एरिया में बोर्ड आवश्यक रूप से लगाने के निर्देश होते है जिसमें ठेका कंपनी का नाम, कंस्ट्रक्शन क्षेत्र व कीमत इत्यादि दर्शाया जाता है जिससे कार्य की पारदर्शिता बनी रहे लेकिन सारे नियमों को दरकिनार करते हुए रेत ठेकेदार ने सिर्फ और सिर्फ उत्खनन पर ध्यान दिया न तो यहां पर  बोर्ड का पता है न ही कितने घन मीटर रुपए रेत की कीमत है एक ही चीज यहां पर है ‘‘आइए पैसा दीजिए और रेत ले जाइए’’ हालांकि इसकी शिकायत पहले भी कई बार मीडिया एवं नेताओं द्वारा माइनिंग अधिकारी को दी गई है लेकिन पता नहीं अभी तक जिम्मेदारों को फुर्सत क्यों नहीं मिली कि आकर रेत ठेकेदार की लापरवाही को देख सके व कार्यवाही कर सके!

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