लोकप्रिय कलेक्टर के साख में बट्टा लगा रहा राजस्व विभाग,अवैध प्लाटिंग पर दो पर कार्यवाही बाकियो को मिला अभयदान मैनेजमेंट की चर्चा हुई आम
दर्जनों अवैध प्लाटिंग में अभी भी कार्यवाही बाकी, कलेक्टर के आदेश को भी धता बता रहे अधिकारी
अवैध प्लाटिंग करने वाले भू-माफिया खुलेआम ठोक रहे हैं ताल,उच्च मैनेजमेंट के चर्चे हुए आम
इंट्रो:- प्रदेश के मुखिया एक और अवैध कार्यों एवं भू माफियाओं को जड़ से मिटा देने की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर उनके अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी उनकी बातों को दरकिनार करते हुए अवैध कार्यों को बढ़ावा देना व भू माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से कर रहे प्लाटिंग के कार्यों में जिस तरह राजस्व की क्षति शासन को पहुंचाते हुए खुलेआम मैनेजमेंट की चर्चा करते हुए अवैध प्लाटिंग को अंजाम देने का कार्य किया जा रहा है उससे यह साफ पता चलता है कि मुख्यमंत्री के मनसा के विपरीत अधिकारियों द्वारा संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा है, जिसका परिणाम आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ सकता है!
अनूपपुर(कोतमा):- बीते दिनों 17 मार्च को कोतमा एसडीएम मायाराम कोल, तहसीलदार ईश्वर प्रधान, मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रदीप झारिया एवं पुलिस बल के साथ कोतमा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत पिछले दिनों आधा दर्जन अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही की गई जिनमें वार्ड क्रमांक 7 और वार्ड क्रमांक 4 में की गई अवैध प्लाटिंग पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाया गया बाकी बचे अवैध प्लाटिंग में जल्द कार्यवाही करने का भरोसा दिया गया था किंतु कई सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक पुनः कार्यवाही नहीं की गई, इस तरह के मुद्दे की कार्यवाही के कारण आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासन के किरकिरी का कारण बना हुआ है!
दो पर सितम बाकी पर रहम, लग रहा मुंहदेखी कार्यवाही का आरोप
नेशनल हाईवे के समीप मुख्य मार्ग में और नगर के मध्य में दर्जनों जगह अवैध तरीके से प्लाटिंग कर जमीन क्रय विक्रय का खेल उप रजिस्ट्रार और प्रशासन के नुमाइंदों के माध्यम से किया जा रहा है। एसडीएम तहसीलदार नायब तहसीलदार के साथ नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा चिन्हित जगह पर कार्यवाही करने के बाद से आज दिनांक तक प्रशासन सुस्त नजर आया। दो से चार अवैध प्लाटिंग ऊपर कार्यवाही कर प्रशासन अपनी पीठ थपथपा रही है। लेकिन सच्चाई तो यह है कि बिना नोटिस के वर्तमान भू स्वामियों को नुकसान पहुंचाने के बाद प्रशासन की नगर भर में किरकिरी भी हुई थी।
यहां भी चल रहा है अवैध प्लाटिंग का खेल
कोतमा राजस्व विभाग का आलम यह है कि नाक के नीचे हो रहे अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही छोड़कर दूरस्थ जगह पर जाकर कार्यवाही कर रहे हैं। जबकि एसडीएम कार्यालय से 100 मीटर की दूरी पर लगभग 3 एकड़ की भूमि पर अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर बेचने का कार्य किया जा रहा है। वही जनपद के पीछे भी भूमि के क्रय विक्रय का खेल जोरों से चल रहा है साथ ही निगवानी रोड,हाइवे,वार्ड नं 8 पुलिया के आसपास,कल्याणपुर,वार्ड नं 5 पुरानी बस्ती,वार्ड नं 7 मयूर ढाबा के पीछे,वार्ड नं 4 मवेशी बाजार के पास ! लेकिन मजाल है कि राजस्व विभाग के अधिकारी उक्त प्लाटिंग पर पहुंचकर जेसीबी चलाएं। राजस्व विभाग बिना नोटिस गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर चलाने के लिए ही बना हुआ है जहां राजनेताओं के इशारों पर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। वार्ड नंबर 7 और 8 में बड़े स्वरूप में प्लॉटिंग की गई है जो कि नगर के भीतर की गई है जिस पर राजस्व का बुलडोजर ना पहुंचा है और ना ही पहुंचेगा।
सांठगांठ के चर्चे हुए आम
पहले कुछ चिन्हित जगह पर कार्यवाही की गई उसके बाद प्रशासन कार्यवाही करने से बचने लगा है। राजनेताओं और अधिकारियों से मिलकर भू माफियाओं और अवैध प्लाटिंग करने वाले व्यक्तियों द्वारा नोटों के बंडल के बूते मैनेजमेंट कर प्रशासनिक कार्यवाही को भी शिथिल कर दिया है। नेशनल हाईवे के साथ एसडीएम ऑफिस के समीप कई एकड़ पर प्लाटिंग की गई लेकिन कार्यवाही के नाम पर मात्र चिन्हित जगह पर कार्यवाही कर वाहवाही लूट कर कार्यवाही को बंद फाइलों में समेट दिया गया। अवैध अतिक्रमण और अवैध प्लाटिंग में कोतमा अब्बल नंबर पर है जहां पंजीयक और उप पंजीयक और पूर्व पटवारी के मिलीभगत से बिना वेरिफिकेशन किए भूमि क्रय विक्रय का खेल सांठगांठ से वर्षों से चल रहा है। क्रय विक्रय में भू माफिया और दलाल तो मुफ्त की रोटी खाकर अमीर होते चले जा रहे हैं लेकिन पाई पाई लगाकर जमीन खरीदने वाला गरीब व्यक्ति उक्त भू माफिया की करनी का फल भोग रहा है और कार्रवाई ना होने से नगर में जिला प्रशासन की जमकर किरकिरी हो रही है!
नहीं होगी कार्यवाही, भू माफिया कर रहे चैलेंज
कोतमा के भूमाफिया और अवैध अतिक्रमणकारी राजस्व विभाग को सीधा चैलेंज दे रहे है, कार्यवाही के बाद कोतमा में भू माफियाओं के बीच सनसनी फैली हुई थी देर शाम राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ भू माफियाओं की हुई बैठक के बाद भूमाफिया भरे बाजार में राजस्व विभाग और आम नागरिकों से कार्यवाही कराने को लेकर चैलेंज करते फिर रहे हैं। वह माफियाओं का दावा है कि अब प्रशासन भी अवैध प्लाटिंग और अवैध अतिक्रमण पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं करेगा क्योंकि उच्च अधिकारियों के साथ सांठगांठ और लेन-देन की बात होने से भू माफियाओं का हौसला बुलंद हो गया है।
तो क्या प्रशासन दे रहा भू माफियाओं को संरक्षण..?
आजकल कोतमा नगर में कही कोई भी मिट्टी तथा मुरम की सड़कें डलवा कर वहां भूखंड काट देता है,जबकि कॉलोनी में न तो विद्युत पोल होते हैं,न कोई पार्क,पेयजल की व्यवस्था,मंदिर, और न ही टीएनसीपी से अनुमति ली जा रही है।यह सब कुछ राजस्व विभाग को भी नजर आता है लेकिन अवैध कॉलोनाइजर से सुविधा शुल्क लेकर उन पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करते हैं और न ही ये प्रकरण को अधिकारियों के संज्ञान में लाते है।ऐसे में फिर यदि यह कहा जाए कि अवैध कॉलोनियां राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की सरपरस्ती में ही काटी जाती हैं तो अतिश्योक्ति नहीं होगी...?बात अगर कानून की करें तो अवैध प्लाटिंग की जानकारी होते हुए भी इसकी अनदेखी करने वाले अधिकारी-कर्मचारी भी धारा 339सी के प्रावधानों के अनुसार दंड के भागीदार होते हैं।ऐसे में कहीं न कहीं प्रशासनिक अधिकारी अभी भी इन भू माफियाओं को अभयदान दे रहे हैं।
इनका कहना है
जब और अवैध प्लाटिंग के विषय को लेकर बात की गई तो दूसरे काम में व्यस्तता की बात कही गई, नगर पालिका कब तक नोटिस भेजती है एक्चुअल कार्यवाही नगरपालिका अधिनियम के तहत ही होता है, इसके बाद जब भी टाइम मिलेगा तो कार्यवाही की जाएगी!
ईश्वर प्रधानत,हसीलदार कोतमा
(इस संबंध में कलेक्टर अनूपपुर से संपर्क साधने का प्रयास किया गया किसी कारण बस फोन रिसीव नहीं हुआ!)
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