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Wednesday, January 10, 2024

रेंजरोें के बाद अब वनरक्षक भी हो रहे प्रताडना का शिकार ‘‘चुगलखारों की जय-जय कार



रेंजरोें के बाद अब वनरक्षक भी हो रहे प्रताडना का शिकार ‘‘चुगलखारों की जय-जय कार


अनूपपुर:-बात अनूपपुर वन मण्डल की है, जहां वन मण्डल प्रमुख अपने नये-नये कारनामों एवं हिटलारशाही के नये कारनामें गढते जा रहे हैं। वन मण्डल प्रमुख तो पहले रेंजरों को प्रताडित करते थे, लेकिन अब तो साहब कायदों को ताक में रखकर विभाग के सबसे निचले स्तर के कर्मचारी वीट गार्डो को भी अपना शिकार बना रहे हैं। विदेशी तानाशाह हिटलर के नक्शे कदम पर चलते हुये साहब वनरक्षकों को अपनी खुराक बना रहे हैं।


साहब के रसूख के सामने उच्चअधिकारीयों को जांच बाद कार्यावाही मे छूट रहा पसीना 



यह है मामला

ताजा मामला सामने आया कि परिक्षेत्र बिजुरी में वीट गार्ड थानगांव सुनील बैगा पदस्थ है। विश्वस्थ सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुयी कि थानगांव में पौधों की छिलाई का काम तीन, चार माह पहले कराया गया था, लेकिन साहब द्वारा मजदूरों का भुगतान नहीं किया गया। जब वीट प्रभारी एवं मजदूरों द्वारा मजदूरी के लिए आवाज उठाई गयी तो साहब तानाशाही का रौब दिखाते हुये मजदूरों की आवाज दबाने का प्रयास किया गया। मजदूर अपनी मजदूरी के लिए छोटे बडे सभी कार्यालयों में मजदूरी पाने की गुहार लगायी। लेकिन हर जगह मजदूरों का आवाज को रौंदा गया। मजदूरों द्वारा विवश होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाकर सी.एम. हेल्प लाईन में शिकायत दर्ज करायी गई, लेकिन यहा भी उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी। 


चहेते कर्मचारियों का नहीं दिखाई देता भ्रष्टाचार, साथ मिलकर रचि जाती है साजिस

मामला वीट बिजुरी में कराये गये कैम्पा हल्दीबाडी प्लानटेशन की है, जहा प्रभारी वनरक्षक रहे शिवकुमार तिवारी के द्वारा घोर भ्रष्टाचार कर शासन को लाखों का चूना लगाया गया, और अपनी जेब को भर लिया गया। प्लानटेशन का निरीक्षण पहले के अधिकारियों द्वारा किया गया था और प्लानटेशन की हालत देखकर नाराजगी व्यक्त करते हुये दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही का प्रस्ताव चाहा गया था। प्लानटेशन की जांच में शिवकुमार तिवारी वनरक्षक द्वारा पौधा लगाने और पौधों की सुरक्षा के नाम पर लाखों रूपये का गबन किया जाना पाया गया, जिसकी जांच रिपोर्ट एक साल पहले ही वन मण्डल कार्यालय पहुंच चुकी है, लेकिन जब बात चहेते कर्मचारी पर आती है, तो साहब सभी नियमों को धता बताकर दोषी कर्मचारी की ढाल बनकर खडे है। अपनी तारीफ सुनने के आदी वन मंडल अधिकारी दोषी कर्मचारी को अपने दामन में छिपा कर अभयदान दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि हल्दीबाडी प्लानटेशन में न तो पौधे हैं, न ही पोल है, और फेसिंग के नाम पर 10 फिट तार लगी है। प्लानटेशन का बोर्ड, गेट सब गायब है। नाम न बताने की शर्त पर बताया गया कि प्रभारी साहब द्वारा खुद ही गेट, बोर्ड बेच दिया गया है। जमीनी हकीकत से अंजान अधिकारी प्लानटेशन कराकर अपने आप को गौरान्वित महसूस करते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां करती है। यदि प्लानटेशन की नुकसानी का आंकलन किया जाये, तो लाखों डकैती सामने आयेगी, लेकिन वन मण्डल प्रमुख की आंखों में चाटूकारिता का पर्दा चढा है। आज दोषि कर्मचारी ही सबसे खास कर्मचारी बन गया है। जिस दोषी कर्मचारी को पहले के अधिकारियों द्वारा जिले से बाहर हटा दिया गया था, उससे साहब द्वारा अपने सर आंखों पर बैठाया गया है। जांच रिपोर्ट कहां गायब कर दी गयी है, इसकी जांच किया जाना आवश्यक है। गुप्त सूत्रों से पता चला है कि दोनो की जोडी के द्वारा विभाग की गोपनीय जानकारियों को बाहर भेजी जा रही है।

‘‘चहेता नहीं है, दूध का धूला, चाटूकारिता कर जिले में आने का जमा रहा जुगाड़’’

बात करे चहेते वनरक्षक शिवकुमार तिवारी की तो बिजुरी में रहकर भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, चोरी के एक से एक झंडे गाडे गये हैं। चाहे मामला शिकार के प्रकरण में अपराधियों से सांठ गाठ कर रिश्वत लिये जाने का मामला हो, या चाहे खुद लकडी चोरी करने का। वीट प्रभारी रहते हुये जंगली सुअर का मांस बेचते पाये जाने पर कार्यवाही की जगह अपराधी को ही गवाही बना दिया गया और अपराधी को डरा धमकाकर गांधी जी की छवि ली गयी। कारनामें यहा तक नहीं रूके बल्कि जिस विभाग का नमक खाकर परिवार का भरण पोषण करते रहे, उसी विभाग के बिल्डिंग मे लगी लकडियों की चोरी कर अपने आरामगाह हेतु फर्नीचर बनवाया गया। मामला जब तूल पकडा और उच्च अधिकारी द्वारा दोषी पाये जाने पर निलंबित भी कर दिया गया था, लेकिन गांधी जी के ही दम पर फिर से बिजुरी में जुगाड बैठा लिया गया। इसके बाद तो प्रभारी साहब की नजर मैनटोला प्लानटेशन पर पड़ी जहां गोबर, मिट्टी में घपला किया गया। मामला जब तूल पकडा तो साहब को फिर से बिजुरी से जाने के लिये मजबूर होना पड़ा। लेकिन गरीबों की हाय ने साहब को सीधे शहडोल पहुंचा दिया था लेकिन प्रभारी साहब का बिजुरी मोह भंग नही हो रहा है, अपनी चाटूकारिता के दम पर भूतपूर्व प्रभारी साहब वन मण्डल प्रमुख के खास बन बैठे हैं। लेकिन जांच का विषय है कि भूतपूर्व प्रभारी साहब और वन मण्डल प्रमुख के बीच क्या खिचडी पक रही है। ऐसा सुनने में आया है कि दोनो ही गांधी जी के परम भक्त हैं तथा अपनी जेब गांधी जी की छवि से भरना चाहते हैं।


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