सीसीएफ साहब..... डीएफओ रच रहे झूठी षड्यंत्र कर रहे मानसिक प्रताड़ित निजी मामलों में करते हैं टीका टिप्पणी
महिला रेंजर सहित वन क्षेत्र कर्मचारियों ने भी प्रताड़ना से त्रस्त होकर मुख्य वन संरक्षक से की शिकायत
प्रताड़ना से परेशान आधा दर्जन रेंजरो ने भी की थी शिकायत- कार्यवाही न होने से हौसले बुलंद
भ्रष्टाचार और प्रताड़ना की शिकायत मे जांच हो राजधानी पहुंची रिपोर्ट,कार्यवाही शून्य- तो क्या उच्च अधिकारी दे रहे संरक्षण....?
इंट्रो:-जिले के जिम्मेदार पद वन मंडल मे डीएफओ पद पर पदस्थ सुशील कुमार प्रजापति की पदस्थापना से महिला अधिकारी सहित आधा दर्जन रेंजरो ने मानसिक प्रताड़ना शिकायत भ्रष्टाचार की शिकायत सीसीएफ शहडोल के समक्ष की थी जिसकी जांच गठित टीम द्वारा करते हुए भोपाल उच्च अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया महीनो बीतने के बाद भी कार्यवाही नहीं हुई की डीएफओ जैसे जिम्मेदार पद का दुरुपयोग करते हुए वन परिक्षेत्र अधिकारी को अभद्र व्यवहार, अपशब्द व धमकी देते हुए अनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु निलंबन एवं नौकरी से निकालने की धमकी देते है जिसकी शिकायत भी लगातार उच्च अधिकारियों के समक्ष की जा चुकि है जिम्मेदार पद की जिम्मेदारी भुलाते हुए साहब रिटायरमेंट का जुगाड़ बनाने हेतु भ्रष्टाचार सहित अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को डराने धमकाते हुए पूरे क्षेत्र मे अशांति का माहौल व्याप्त हो चुका है जिससे सरकारी कार्य भी बाधित हो रहा है ऊंची पकड़ ऊंची पहुंच के कारण डीएफओ साहब के खिलाफ हुई जांच में भी कार्यवाही अभी तक लंबित है जिसकी वजह से अब प्रशासन की भी जमकर किरकिरी हो रही है!
शहडोल:-सरकार द्वारा सभी विभाग को सुचारू रूप से प्रदेश सहित सभी जिले के सभी विभागों को संचालित करने हेतु अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है और हम बात करते हैं जिले के जिम्मेदार वन विभाग कि तो संचालित करने हेतु वन मंडल अधिकारी की नियुक्ति की जाती है जो सभी रेंज के अधिकारियों से तालमेल बनाते हुए वन क्षेत्र सहित वन प्राणियों की देखरेख सुचारू रूप से चल सके लेकिन बात करें अनूपपुर जिले के डीएफओ सुशील कुमार प्रजापति जिनकी पदस्थापना होने के बाद से ही भ्रष्टाचार करने अपना कानून चलाने लगे और भ्रष्टाचार में साथ न देने वाले वन परिक्षेत्र अधिकारियों को मानसिक प्रताड़ित करना शुरू कर दिए जिसकी शिकायत भी उच्च अधिकारियों के समक्ष आधा दर्जन रेंजरो ने शिकायत दर्ज कराई थी जांच तो हुई लेकिन कार्यवाही न होने से सरकार की छवि सहित जिम्मेदार पद की गरिमा में भी सवाल खड़े होने लगे!
डीएफओ के प्रताड़ना से परेशान कर्मचारीयों ने सीसीएफ से कि शिकायत
समस्त वन कर्मचारी वन परिक्षेत्र बिजुरी द्वारा वन मुख्य संरक्षक संभाग शहडोल के समक्ष शिकायत देते हुए बताया कि झूठी शिकायत किया जाकर प्रताड़ित किया जा रहा है जिसमें वन परिक्षेत्र बिजुरी को टारगेट करते हुए सभी भुगतान रोक दिए गए हैं जिसमें कुछ दिनों पहले गरीब मजदूरों द्वारा बीते 6 महीना पूर्व किए गए कार्यों के मजदूरी का भी भुगतान है गरीब मजदूरों का भुगतान न होने पर उनके द्वारा वन मंडल अधिकारी अनूपपुर के समक्ष भी गए थे भुगतान न होने की वजह से आक्रोशित मजदूरों द्वारा हमला वह घटना होने की संभावना पर जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख की होगी और लगातार दबाव बनाने हेतु झूठी शिकायत भी कराई जा रही है जिसके कारण वन परिक्षेत्र कर्मचारी भयभीत असुरक्षित एवं मानसिक प्रताड़ित हो रहे हैं चर्चा यह भी है कि पूर्व में आधा दर्जन रेंजरो द्वारा की गई शिकायत में बिजुरी रेंजर भी शामिल थी जिनके सभी कार्यों का भुगतान रोककर वन परिक्षेत्र अंतर्गत अशांति का माहौल व्याप्त करने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा है ऐसी चर्चा शहर के चौक चौराहे सहित पूरे संभाग में हो रहा है!
निजी मामलों में टीका-टिप्पणी करने पर महिला रेंजर ने सीसीएफ से कि शिकायत
प्रदेश सहित जिलों में वन विभाग में महिला कर्मचारियों की संख्या वैसे भी कम है और यदि हम उच्च पद पर देखें तो, वन विभाग में यह आंकड़ा और नीचे है डिप्टी रेंजर, रेंजर, डीएफओ जैसे वरिष्ठ पदों पर तो इनका आंकड़ा और भी कम रह जाता है। इसके बावजूद अनूपपुर जिले के वन परिक्षेत्राधिकारी बिजुरी को झूठी शिकायतों और षड्यंत्र कर फंसाने का खेल वनमण्डलाधिकारी द्वारा खेला जा रहा है।जीतू सिंह बघेल द्वारा मुख्य वन संरक्षक को शिकायत देते हुए बताया कि 3 जनवरी को मुझे पता चला कि वन मण्डलाधिकारी एसके प्रजापति द्वारा कोतमा निवासी मो. जाहिद अली के साथ मिलकर मेरे विरूद्ध रिश्वत लिये जाने का षड्यंत्र रचा गया है। उक्त
षड्यंत्र के तहत अब्दुल आसिफ निवासी कोठी से झूठा शपथ पत्र तैयार कराया गया है। इसके बाद मेरे द्वारा शपथकर्ता का पता लगाकर संपर्क किया गया। 4 जनवरी को शपथकर्ता परिक्षेत्र कार्यालय आये और उनके द्वारा बताया गया कि न्यू ईयर के दिन शाम 6 बजे मो. जाहिद और राकेश गौतम कोठी स्थित मेरे आटोपार्टस की दुकान पर आये और शपथ पत्र निकालकर मुझे दिये। जाहिद अली द्वारा बोला गया कि उच्च अधिकारी डीएफओ द्वारा बोला गया कि रेंजर बिजुरी द्वारा पैसा लेने का शपथ पत्र बने।जिसकी शिकायत स्वयं वन परिक्षेत्राधिकारी बिजुरी ने मुख्य संरक्षक वन वृत्त शहडोल से की है।
राजेंद्र ग्राम रेंजर ने भी की थी शिकायत
अनूपपुर डीएफओ सुशील कुमार प्रजापति के खिलाफ लगभग आधा दर्जन रेंजरो द्वारा की गई शिकायत मे जांच उपरांत करवाई न होने से मनोबल इस कदर बड़ा की फिर से श्री प्रजापति द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी को अनैतिक कार्य न करने पर आप शब्दों का प्रयोग करते हुए निलंबन सहित नौकरी से निकलने की धमकी दे डाली जिसकी शिकायत मुख्य वन संरक्षक शहडोल के समक्ष शिकायत देते बताया कि वन परिक्षेत्राधिकारी राजेन्द्रग्राम, वनमण्डल अनूपपुर के रूप में दिनांक 05.10.2023 से कार्यरत हूँ। मेरे प्रभार लेने के बाद लगातार वनमण्डलाधिकारी अनूपपुर द्वारा मुझे अपने अनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु मेरे खिलाफ आरोप पत्र बनाने, निलंबन कराने, मेरी नौकरी समाप्त कराने की धमकी देने एवं मुझसे भीख मांगवाने जैसे शब्दों का प्रयोग कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। दिनांक 16.11.2023 को वनमण्डलाधिकारी महोदय द्वारा दूरभाष पर रात्रि करीब 09:38 बजे मुझसे कहा गया कि" तुम्हारी रेंजरी समाप्त करवा दूंगा। लगता है तुमको रेंजरी नहीं करनी है। तुम रेंजर पद के लायक नहीं हो" दिनांक 21. 11.2023 को वनमण्डलाधिकारी द्वारा पिपरहा, पठैती मोड़ पर मेरे अधीनस्थ वन अमले के समक्ष मुझसे कहा गया कि तुम्हारी अभी चार्चशीट बना के भेजूंगा तो तुम मेरे समाने दर-दर भीख मांगते फिरोगे" । वन मंडल अधिकारी का इस प्रकार के कठोर अपशब्द कहने एवं अभद्र व्यवहार करने से मुझे व्यक्तिगत रूप से अत्याधिक मानसिक पीडा हो रही है। जिस कारण मैं अत्याधिक विचलित एवं भयभीत महसूस कर रहा हूँ। शिकायत करते हुए न्याय कि माँग किया गया था!
भ्रष्टाचार की गाथा लिख रहे डीएफओ
जिले की कमान संभालते ही जिस प्रकार से डीएफओ सुशील कुमार प्रजापति द्वारा कृषि में उपयोग होने वाली प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइया क्लोरापायरिफोस टोनअप ग्रोथ की लगभग 30 लाख की खरीदी नियम विरुद्ध और शहडोल जिले के व्योवहारी मे जिला यूनियन सहकारी समितियों के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्राहकों को खिलाएं गए खाने में किये गये भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत, श्याम ट्रेडर्स शहडोल से ₹981000 के खरीदे गए फायर सूट, लीफ ब्लोअर, हेलमेट, जूते आदि की खरीदी में अनियमितता का मामला, वृक्षारोपण में फेंसिंग कार्य करने हेतु ₹4000000 की चैन लिंक जाली की खरीदी में भ्रष्टाचार के तथ्य उजागर हुए हैं इसके बाद भी लगातार विवादों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं!
सीसीएफ ने भी साधी चुप्पी
उक्त मामले में मुख्य वन संरक्षक अधिकारी को जानकारी होने के बाद भी समय रहते ध्यान नहीं दिया गया लगातार डीएफओ की प्रताड़ना से परेशान वन परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा शिकायत करते हुए अपनी सुरक्षा की मांग की गई और दर्जनों भ्रष्टाचार के मामलों पर शिकायत भी उच्च अधिकारियों तक पहुंची गठित टीम द्वारा जांच तो की गई लेकिन जांच रिपोर्ट भोपाल स्थित ऑफिस मे अभी तक लंबित पड़ी हुई है मुख्य वन संरक्षक के द्वारा पूरे मामले पर जांच रिपोर्ट भोपाल भेजने की बात कह कर मामले को ठंडे बस्ते के हवाले करने का प्रयास किया जा रहा है हालांकि यह कहना भी गलत नहीं होगा कि कहीं ना कहीं सरकारी पैसों पर शेंध मारने का कार्य डीएफओ द्वारा उच्च अधिकारियों की मिली भगत से की जा रही है जिसके कारण जांच होने के बाद भी कार्यवाही करने में उच्च अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं!
इनका कहना है
यदि महिला अधिकारियों से किसी प्रकार से प्रताड़ित करने का मामला है तो महिला अधिकारी इस संबंध में थाने में एफआईआर करवाये, क्योंकि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है षिकायत प्रेषित करें मैं दिखवाता हूं।
नागर सिंह चौहान
वनमंत्री मध्यप्रदेष शासन, भोपाल
(इस संबंध में साहब के दूरभाष में संपर्क साधा गया लेकिन साहब का फोन हमेषा की तरह नहीं उठा)
एलएल उइके
मुख्यवनसंरक्षक, वनवृत्त शहडोल
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