मोहन सरकार में भ्रष्टाचारियो पर कार्यवाही की उठ रही मांग - जिससे सरकारी राशि का न हो पाए बंदर बाट
डीएफओ श्री प्रजापति चलाते हैं अपना एक अलग कानून- गरीब मजदूरों के मजदूरी दस्तावेजों के जांच के बाद भी नहीं हुआ भुगतान
स्वहित लाभ हेतू भ्रष्टाचार- रेंजर साथ न दे तो करते हैं मानसिक प्रताड़ित,आधा दर्जन रेंजर पूर्व मे उच्च अधिकारियो से डीएफओ कि कर चुके है शिकायत
रिटायरमेंट के पहले करोड़पति बनने का सपना- प्रतिबंधित दवाइयों का क्रय करना जिम्मेदार पद कि हो रही किरकिरी
डीएफओ के मनमानी व रसूक के चर्चे- जांच के बाद कार्यवाही राजधानी में लंबित और यहा साहब कि जारी मनमानी
इंट्रो:- सरकार द्वारा सभी विभाग को सुचारू रूप से प्रदेश सहित सभी जिले के सभी विभागों को संचालित करने हेतु अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है और वह सभी विभाग की देख रेख जिला कलेक्टर के हाथों पर होती है हम बात करते हैं जिले के जिम्मेदार वन विभाग कि तो संचालित करने हेतु वन मंडल अधिकारी की नियुक्ति की जाती है जो सभी रेंज के अधिकारियों से तालमेल बनाते हुए वन क्षेत्र सहित वन प्राणियों की देखरेख सुचारू रूप से चल सके लेकिन बात करें अनूपपुर जिले के डीएफओ सुशील कुमार प्रजापति जिनकी पदस्थापना होने के बाद से ही भ्रष्टाचार करने अपना कानून चलाने लगे और भ्रष्टाचार में साथ न देने वाले वन परिक्षेत्र अधिकारियों को मानसिक प्रताड़ित करना शुरू कर दिए जिसकी शिकायत भी उच्च अधिकारियों के समक्ष आधा दर्जन रेंजरो ने शिकायत दर्ज कराई थी जांच तो हुई लेकिन कार्यवाही न होने से सरकार की छवि सहित जिम्मेदार पद की गरिमा में भी सवाल खड़े होने लगे!
अनूपपुर(प्रकाश सिंह परिहार):- वन मंडल अनूपपुर अंतर्गत 7 रेंज है जहा बड़ी मात्रा में वन क्षेत्र के साथ-साथ वन प्राणी भी है जिनकी सुरक्षा व देख-रेख हेतु कई तरह के फंड भी सरकार द्वारा दिया जाता है लेकिन वन मंडल अधिकारी सुशील कुमार प्रजापति जी के पदस्थापना के साथ ही ठेकेदार के साथ मिलकर प्रतिबंधित दवाइयों की खरीदी या फिर बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर चीन की टॉर्च भी जिले सहित प्रदेश मे चर्चा का विषय बना हुआ है अपने जिम्मेदार पद का दुरुपयोग करते हुए शासन द्वारा दी गई राशि का जिस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है की आने वाले समय में शिकायत उपरांत जांच बाद भी कार्यवाही न होना सरकार की छवि धूमिल करने का कार्य कर रही है और ऐसे अधिकारी को भ्रष्टाचार करने का बढ़ावा मिल रहा है जिसके साथ वन क्षेत्र सहित वन्य प्राणी भी प्रभावित हो सकते हैं!
प्रताड़ना से परेशान वन कर्मचारीयों ने सीसीएफ से कि शिकायत
समस्त वन कर्मचारी वन परिक्षेत्र बिजुरी द्वारा वन मुख्य संरक्षक संभाग शहडोल के समक्ष शिकायत देते हुए बताया कि झूठी शिकायत किया जाकर प्रताड़ित किया जा रहा है जिसमें वन परिक्षेत्र बिजुरी को टारगेट करते हुए सभी भुगतान रोक दिए गए हैं जिसमें कुछ दिनों पहले गरीब मजदूरों द्वारा बीते 6 महीना पूर्व किए गए कार्यों के मजदूरी का भी भुगतान है गरीब मजदूरों का भुगतान न होने पर उनके द्वारा वन मंडल अधिकारी अनूपपुर के समक्ष भी गए थे भुगतान न होने की वजह से आक्रोशित मजदूरों द्वारा हमला वह घटना होने की संभावना पर जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख की होगी और लगातार दबाव बनाने हेतु झूठी शिकायत भी कराई जा रही है जिसके कारण वन परिक्षेत्र कर्मचारी भयभीत असुरक्षित एवं मानसिक प्रताड़ित हो रहे हैं चर्चा यह भी है कि पूर्व में आधा दर्जन रेंजरो द्वारा की गई शिकायत में बिजुरी रेंजर भी शामिल थी जिनके सभी कार्यों का भुगतान रोककर वन परिक्षेत्र अंतर्गत अशांति का माहौल व्याप्त करने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा है ऐसी चर्चा शहर के चौक चौराहे सहित पूरे संभाग में हो रहा है!
भ्रष्टाचार पर कार्यवाही कब...?
पूरे मामले में भ्रष्टाचार की जांच तो हुई लेकिन महीनो बीतने के बाद भी डीएफओ अपनी कुर्सी में बैठकर मनमानी रवैया से पूरे क्षेत्र को प्रभावित किया जा रहा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साहब के खास ठेकेदार और रेंजर का चार्ज लिए हुए डिप्टी रेंजरो की पदस्थापना साहब अपने ढंग से पोस्टिंग कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जाता है हाल ही में चल रहे निर्माण कार्य मे भी गुणवत्ता विहीन मटेरियल उपयोग करते हुए सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है और इस तरह के कार्य जहां भी किए जाते हैं उक्त रेंज में साहब के खास अधिकारी की पोस्टिंग कर दी जाती है!
कार्यवाही न होने से सरकार की छवि हो रही धूमिल
भ्रष्टाचार हो या फिर अपने स्वलाभ हेतु वन परिक्षेत्र कर्मचारियों को मांसिक प्रताड़ित करना व जिम्मेदार पद का दुरुपयोग करना हो तो वन मंडल अधिकारी श्री प्रजापति की पदस्थापना से लेकर उनके कार्यकाल में खरीदे गए सामग्रीयों कि यदि भौतिक सत्यापन की जाए तो भ्रष्टाचार को लेकर अचंभित करने वाली चीजे सामने आने की संभावना है यह हम दावे के साथ इसलिए कह रहे हैं कि जिस प्रकार से डीएफओ सुशील कुमार प्रजापति द्वारा कृषि में उपयोग होने वाली प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइया क्लोरापायरिफोस टोनअप ग्रोथ की लगभग 30 लाख की खरीदी नियम विरुद्ध और शहडोल जिले के व्योवहारी मे जिला यूनियन सहकारी समितियों के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्राहकों को खिलाएं गए खाने में किये गये भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत, श्याम ट्रेडर्स शहडोल से ₹981000 के खरीदे गए फायर सूट, लीफ ब्लोअर, हेलमेट, जूते आदि की खरीदी में अनियमितता का मामला, वृक्षारोपण में फेंसिंग कार्य करने हेतु ₹4000000 की चैन लिंक जाली की खरीदी में भ्रष्टाचार के तथ्य उजागर हुए हैं इसके बाद भी लगातार विवादों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं और कार्यवाही न होने से शासन सहित सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है!
तो क्या उच्च अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की दी खुली छूट...?
वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा की गई शिकायत पर जांच टीम द्वारा जांच की गई लेकिन कई महीनो बीत जाने के बाद भी आज तक किसी भी प्रकार का उच्च अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं किया गया जो कहीं ना कहीं वन मंडल अधिकारी की ऊंची पकड़ को दर्शाता खरीदी में किए गए भ्रष्टाचार की भी शिकायत होने के बाद भी जांच उपरांत कार्रवाई न होना उच्च अधिकारियों द्वारा खुली छूट देने के बराबर है साथ ही सभी क्षेत्रों में कार्य प्रभावित हो रहे हैं और वन मंडलाअधिकारी अपने रवैया से बाज आते नहीं दिखाई दे रहे हैं जिससे पूरा क्षेत्र प्रभावित हो रहा है और उच्च अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न करने की वजह से सरकार की छवि धूमिल हो रही है!
No comments:
Post a Comment