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Saturday, July 20, 2024

स्टे के बाद भी पुलिस नहीं रुकवा पाई निर्माण कार्य, अब तहसीलदार से प्रतिवेदन का है इंतजार

 


तहसीलदार अपने ही स्थगन आदेश का नहीं कर पा रही पालन..!! थानाप्रभारी कोतवाली काम रूकवाने को किया था पत्राचार

 शहडोल जिला मुख्यालय अंतर्गत बुढार चौक से रेलवे स्टेशन रोड में गुरु कृपा डेयरी के सामने बीते 5 दिनों से निर्माण कार्य जारी है जिसमे कार्य बंद करने हेतु तहसील सोहागपुर से स्थगन आदेश जारी किया गया था और यथा स्थिति बनाए रखना काम बंद करने हेतु तहसीलदार ने कोतवाली प्रभारी को पत्राचार किया था, अब आलम यह है कि कोतवाली प्रभारी और पुलिस निर्माण कार्य रुकवा नहीं पा रही या फिर रुकवाना नहीं चाह रही उनका कहना है की निर्माण कार्य करने वाले हमारी बात नहीं सुन रहे हैं तहसीलदार से प्रतिवेदन मिले तो एफ आई आर कर दे, और बेचारी सुहागपुर तहसीलदार अपना आदेश का परिपालन करने में सक्षम नहीं है मानो उनके राजस्व अमला  उनकी ही नहीं सुनता। कुल मिलाकर यह कहे तो चार दिनों से जिला मुख्यालय में प्रशासन की लचर व्यवस्था और बेबसी सुर्खियों में तमाशा बनी हुई है।



शहडोल। अब इसे आपसी तालमेल की कमी कहें या फिर लचर व्यवस्था..!! लेकिन सच तो यही है कि प्रशासन बेबस है अपना ही आदेश तहसीलदार सुहागपुर दिव्या सिंह पालन नहीं कर पा रही हैं तो दूसरी ओर थाना प्रभारी कोतवाली कभी जोर कथित न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर निर्माण कार्य करने वाले राकेश जायसवाल पर नहीं चल रहा है, चार दिन से मामला प्रतिष्ठित समाचारों पत्रों की सुर्खियों में छाया हुआ है तहसीलदार का कहना है करवाते हैं कोतवाली पुलिस का कहना है कि हम मना करते हैं वह मानते नहीं !! अब पुलिस कर भी तो क्या पुलिस का कहना है कि तहसीलदार हमें प्रतिवेदन दें तो हम न्यायालय के आदेश उल्लंघन करने पर 188 के तहत मुकदमा कर दें पर बड़ी अचरज की बात यह है कि ऐसा संभव है कि पुलिस के मना करने पर भी निर्माण कार्य प्रारंभ रहे जबकि तहसीलदार ने थाना प्रभारी कोतवाली को पत्र जारी कर यथा स्थिति बनाए रखने की बात कही थी खैर यदि एक पल के लिए यह मान लिया जाए की कोतवाली पुलिस से ज्यादा जबर निर्माण कार्य करने वाला पक्ष है तो फिर तहसीलदार सुहागपुर अपने आदेश के परिपालन में पटवारी अथवा आर आई  को भेज कर प्रतिवेदन की कार्यवाही क्यों नहीं करती। 


जाने क्या है पूरा मामला 

न्यायालय तहसीलदार सोहागपुर द्वारा जारी आदेश के अनुसार विषयान्तर्गत इस न्यायालय में विचाराधीन राजस्व प्रकरण क्रमाक 0078/अ-70/2024-25 ‘‘मुकेश जायसवाल पिता स्वः गयासी प्रसाद जायसवाल बनाम राकेश जायसवाल पिता गयासी जायसवाल वगैरह’’ विचाराधीन प्रकरण में दिनाक 07.07.2024 को स्थगन आदेश पारित किया जाकर अनावेदक के द्वारा किये प्रनाधीन आराजी ग्राम भुईबाध स्थित खसरा नं. 60/404/6 रकबा 0.19 डि भूमि मे निर्माण कार्य को स्थगित किये जाने का आदेश पारित किया गया है। स्थगन आदेश की प्रति सलग्न कर आपको स्थगन आदेश का पालन कराये जाने हेतु भेजा गया है. आप के द्वारा स्थगन की तामीली कराई कई है। किन्तु अनावेदकगण द्वारा निर्माण कार्य जारी रखे है आर मना करने पर झगडा फसाद कर रहें है और स्थगन आदेश मानने से इंकार किया जा रहा है। उपरोक्त आराजी पर लगे इमली, जामुन, आआंवला, कनेर तथा मुनगा के बृक्ष को जे.सी.बी. मशीन से जड सहित उखाडकर अलग कर दिये हैं। आवेदक द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत कर स्थगन आदेश का पालन कराये जाने के साथ ही अनावेदक के विरूध्द धारा 188 जा. फौ. की कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया गया है। अत एवं इस न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश दिनाक 07.05.2024 की छायाप्रति संलग्न कर आपकी ओर भेजा जा रहा है। स्थगन आदेश की तामीली कर मौके से निर्माण कार्य बन्द कराया जाकर नियामानुसार कार्यवाही कर पालन प्रतिवेदन इस न्यायालय में नियत पेशी के पूर्व आवश्यक रूप उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।


टीन के पीछे निर्माण 

मामले में अनावेदक राकेश जयसवाल द्वारा लगातार निर्माण कार्य दुगनी रफ़्तार के साथ बीते 5 दिनों से कराया जा रहा है जिसके लिए आवेदक जिसके पास स्थगन आदेश है वह कोतवाली और तहसील के चक्कर काट रहा है अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर प्रशासन कथित अनावेदक पर मेहरबान क्यों है और यदि अनावेदक सही है तो वह तीन कैसे लगाकर उसके पीछे चोरी छुपे निर्माण कार्य क्यों कर रहा है खैर इन सब मामलों में एक चीज तो स्पष्ट है कि प्रशासन और पुलिस की इस मामले में जमकर किरकिरी हो रही है।




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