वन विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर, वनपरिक्षेत्र अन्तर्गंत मिला भालू का कंकाल
पेट्रोलिंग/क्षेत्रभ्रमण की खुली पोल, 20 दिनों तक जंगल में पड़ा रहा मृत भालू का शव!
अनूपपुर/बिजुरी(प्रकाश सिंह परिहार)-वन परिक्षेत्र बिजुरी के जंगल में भालू के कंकाल मिलने से वन विभाग के अधिकारियों का एक दल सोमवार को पहुंचा तथा आनन फानन में भालू के कंकाल को दफनाने का कार्य कर मामले की तस्दीक डॉग स्क्वॉड सहारे करने पर आमादा है। सूत्र बताते हैं भालू लगभग 20 दिनों पहले मृत हुआ था,जिसकी भनक व भालू के मृत शरीर की दुर्गन्ध भी वन अमले को नहीं लगी। प्रश्न यह है कि आखिर 20 दिनों बाद वन अमला पानी में लाठी पीटकर क्या दिखाना चाहता है।
मिली जानकारी अनुसार वन परीक्षेत्र बिजुरी के डोगरी टोला नामक स्थान के आसपास घने जंगल में मृत अवस्था में दिनांक 1 मार्च को भालू पाए जाने के बाद वन परिक्षेत्र बिजुरी के वन अमले द्वारा आनन फानन में भालू के कंकाल को दफनाने का काम किया गया तथा भालू के साथ हुई घटना को तस्दीक में लिया जाकर कुछ संदिग्धों से पूछताछ का कार्य किया जा रहा है।
कार्यशैली पर लगा प्रश्न चिन्ह...
बताया जाता है कि लगभग 20 दिनों पहले भालू डोंगरी टोला नामक स्थान के आसपास मृत हुआ था जिसकी जानकारी दिनांक 1 मार्च को मिलने के बाद दोपहर लगभग 1 बजे के आसपास पर बिजुरी के अमले ने भालू की सुध ली व रेंजर के अगुवाई में उसके कंकाल को दफनाने का काम किया गया।
20 दिन बाद जागा वन अमला,,,
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज से लगभग 20 दिन पहले भालू डोगरी टोला के पास मरा पड़ा था जिसे गाय चराने वाले चरवाहे सहित ग्रामीणों ने देखा था किंतु अज्ञानता व वन परिक्षेत्र के भय से उन्होंने किसी को सूचना नहीं दी। प्रश्न यह है कि वन विभाग का वीट गार्ड जिसका काम वन सहित वनों में विचरण करने वाले जानवरों की देखभाल करना है जिसके लिए वनों में लगातार गस्ती करने का काम वहां कार्यरत गार्ड का है वह मृत पड़े भालू को 20 दिनों तक देख क्यों नहीं पाया।
पानी में लाठी पीट रहे अधिकारी....
वन विभाग द्वारा अब आनन-फानन में एक डॉग स्क्वायड टीम को बुलाया गया है तथा घटनास्थल से ले जाकर उसे गांव के आसपास स्थित गांव में घुमाया जाता है जिस किसी को भी वह छू लेता है उसे वन अमला अपने यहां कार्यालय में ले जाकर उससे मुस्तैदी से पूछताछ कर घटना के लंबे दिनों बाद पानी में लाठी पीटने का काम कर रही है। घटित घटना पर वन अमले पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। तथा यह कहा जा रहा है कि वन्य जीव संरक्षण में हुई घटना को लेकर वन अमला अपने ऊपर होने वाली कार्रवाई से बचने के लिए ग्रामीणों को भय दिखा कर मामले में सक्रियता दिखा रही है।
संदिग्धों से मारपीट-परिजन
हमारी टीम 2 मार्च को जब वन विभाग चैकी में पहुची तो जिन दो संदिग्धों को वन विभाग की टीम द्वारा दिनांक 1 मार्च की रात को लाया गया था और मार पीट की गई इसकी जानकारी जब ग्रामीणों को पड़ी तो भारी संख्या में ग्रामीण महिला सहित चैकी जा पहुचे....परिजनों एवं ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि पूरी रात मार -पीट की गई है और यह आरोप लगाया गया कि कोई सबूत मिले बिना ही जबरन उठा कर मार पीट किया जा रहा है भीड़ बढ़ने की वजह से वन परिक्षेत्र के कर्मचारियों द्वारा उन्हें गेट से बाहर निकालकर गेट में ताला लटका दिया गया।
इनका कहना है
वन परीक्षेत्र अधिकारी बिजुरी से कई बार फोन के माध्यम से संपर्क किया जा रहा था लेकिन मैडम फोन उठाना वा मीडिया से बात करना भी उचित नहीं समझती।
संगीता अमलतास
वन परिक्षेत्र अधिकारी बिजुरी
मुझे जानकारी मिली है मेरे द्वारा डीएफओ अनूपपुर को बोला गया है कि नोटिस भेजकर वन परीक्षेत्र अधिकारी बिजुरी से जवाब मांगा जाए, भालू के मृत्यु की जानकारी वन विभाग को क्यों नहीं मिली.. साथ ही जानकारी मिलते ही डॉग स्कॉट मौके पर भेजा गया है और छत भी छात्र बॉडी होने के कारण पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाया है।
पी.के.वर्मा
वन संरक्षक वन वृत्त शहडोल
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