कपिल, राज, राजू, बृजेश(मामा) के कंधे में बंदूक रख "बड्डे" संभाल रहा कबाड़ का कमान
बद्री पर हुई रासुका की कार्यवाही तो ‘‘बड्डे’’ ने कबाड़ियों का सरगना बन संभाला कार्य
संभाग का कबाड़ खपाने के मामले में "बड्डे" के नाम के चर्चे आम
इन्ट्रो - प्रदेश के मुखिया एक ओर माफियामुक्त अभियान के तहत माफियाओं के सफाया करने में कोई कसर नही छोड़ी जहा एक ओर माफियाओें का सफाया हो रहा है वही दूसरी ऒर नये माफिया पुराने माफियाओं की कुर्सी हथिया कर सरगना बन बैठे लगभग कई वर्षो से कबाड़ के कारोबार में बद्री पाण्डेय का नाम बतौर सरगना प्रमुखता से लिया जाता रहा है लेकिन बद्री पर कार्यवाही के बाद बद्री के हाथ के नीचे काम करने वाले बड्डे कबाड़ी ने संभाग भर के चोरी के कबाड़ को अपने ठीहे में खफाने का जिम्मा अपने सर ले लिया है ।
अनूपपुर(प्रकाश सिंह): बद्री के ऊपर रासुका की कार्यवाही के बाद उनके गुर्गे बालीवुड फिल्मों की तर्ज पर कुर्सी की लड़ाई लड़ते नजर आये अंततः जबलपुर से सेटिंग के बाद बुढ़ार निवासी बड्डे कबाड़ी को संभाग भर का चोरी के माल खपाने अर्थात चोरी के माल को खरीद कर कटवाकर जबलपुर भेजने की जिम्मेदारी सौप दी गई और एक बार फिर कबाड़ का कार्य दुगनी तेजी के साथ संभाग भर में फलने फूलने लगा हद तो तब हो गई जब नये नवेले सरगने ने कमान संभालते ही अनूपपुर, डोला, राजनगर, कोतमा, भालूमाड़ा उमरिया के नौरोजाबाद एवं मुख्यालय के कबाड़ियों को यह कहकर हरी झंडी दिखाई की हाई लेवल का मैनेजमेंट हो चुका है प्रमुख रूप से "बड्डे" अपना कार्य देखने के लिए अपने गुर्गे कपिल, राज, राजू ,बृजेश उर्फ मामा को पाल रखा है जिनका काम पुराने ही दर पर चोरी के कबाड़ की खरीद फरोक्त फिर चालू कर दी गई है। और विधिवत् सिंडीकेट बनाकर माल खपाया जाने लगा।
संभाग के कबाड़ का मुख्यालय बना बुढ़ार....
जिस तेजी के साथ जिला प्रशासन ने चोरी के कबाड़ के कारोबार पर अंकुश लगाया था उसी तेजी के साथ बुढ़ार एक बार फिर कबाड़ का हेडक्वाटर बन गया है कभी बद्री के हाथ के नीचे या यू कहे की बद्री के साथ मिलकर काम करने वाले बड्डे और अनीश की मिल्कीयत की जंग में अपने नाम का लोहा मनवाकर कोयला खदानों का बेशकीमती लोहा बुढ़ार के बड्डे के यहा कटना प्रारंभ हुआ फिर माल की सप्लाई जबलपुर जाने लगी। वर्तमान में पिकअप ही नही हईवा जैसे बड़े वाहनों में संभाग की सीमा के अंतिम छोर से ढलती शाम के साथ कबाड़ का जकीरा कोयलांचल के बड्डे के ठीहे पर पहुचने लगा। प्रतिदिन कई पिकअप माल कोयलांचल लाया जाता है तो हर दूसरे दिन हाईवा में बंद पड़ी खदानों की भारी भरकम मशीने भी बुढ़ार पहुच रही है।
पप्पू टोपी,गुड्डू भी सरगने की दौड़ में......
बद्री पर कार्यवाही के बाद धनपुरी का चर्चित कबाड़ी पप्पू टोपी व गुड्डू या यु कहे की कबाड़ के नाम पर बेशकीमती केबल व खदानो की मशीनरी चोरी कराने वाले पप्पू टोपी व गुड्डू का नाम भी सरगना की दौड़ में सामने आया इसी बीच माफियामुक्त अभियान के दौरान कार्यवाही की गांज गिरने की वजह से पप्पू को मिल्कीयत तो नही मिली लेकिन स्थानीय पुलिस के अभयदान के बाद एक बार फिर पप्पू व गुड्डू के कारोबार ने तेजी पकड़ी जिसमें स्थानीय जिम्मेदार साहब की प्रमुख भूमिका रही खैर यह लाजमी भी था काली स्र्कापियो से साहब का अनूठे प्रेम के किस्से गली - गली जो गुलजार थेें।
अनूपपुर में कबाड़ माफियाओं(जानू और आरिफ) के हौसले हुए बुलंद
अनूपपुर के विभिन्न थाना क्षेत्रों सहित छत्तीसगढ़ सीमा के मनेन्द्रगढ़, पौराधार का माल भी बड्डे की सह और सेटिंग पर अनूपपुर से जानू और आरिफ ट्रक के रास्ते जबलपुर समीम तक पहुचाया जा रहा है, लोड कराये गये हाइवा फोन में हाजरी लगाकर डायरेक्ट जबलपुर के लिए रवाना हो रहे है तो पिकअप सहित अन्य वाहन कोतमा में बड्डे के गुर्गे पप्पू ताम्रकार,आशीष द्वारा व भालूमाड़ा से सुरेश द्वारा कोयलांचल भिजवाया जा रहा है तो वही शहडोल से अनीश वा मोहसीन के माल की पल्टी भी बुढ़ार में प्रारंभ हो गई है हालाकि नये सरगना के खिलाफ मुख्यालय के रहीम ने आवाज बुलंद की थी लेकिन जुगाढ़ के आगे वह आवाज भी दब सी गई और अंततः माल कभी डायरेक्ट तो कभी बुढ़ार के रास्ते खपाया जाने लगा। तो वही उमरिया के माल की गिनती डिजिटल प्लेटफार्म में बुढ़ार से होती है तो सहफरस्ती के वादे के साथ शहपुरा के रास्ते माल डायरेक्ट बड्डे द्वारा जबलपुर भेजवाया जा रहा है।
इनका कहना हैः-
जानकारी आपके माध्यम से संज्ञान में आई है पुलिस अधीक्षक को निर्देश देकर कार्यवाही कराई जायेगी।
जी. जर्नादन
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जोन शहडोल
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