अवैध प्लाटिंग के कार्य में 5 भू- माफिया सक्रिय, राजस्व विभाग को जानकारी होने के बाद भी नहीं कार्यवाही
रेरा और कॉलोनाइजर की उड़ रही धज्जियां, राजस्व विभाग के मैनेजमेंट के चर्चे हुए आम
भू-माफियाओं के लिए कोतमा बना हाट्स पाट क्षेत्र, नियम विरुद्ध तरीके से धड़ल्ले से हो रहा अवैध प्लाटिंग का खेल
इंट्रो :- कोतमा नगर पालिका अंतर्गत इन दिनों भू - माफियाओं का जलजला इस कदर बढ़ रहा है कि जगह-जगह अवैध प्लाटिंग कर खंड-खंड में भूमि विक्रय कर रहे हैं राजस्व विभाग के नियम कानून को धता बताते हुए रेरा और कॉलोनाइजर जैसे प्लाटिंग संबंधित कड़े नियमों का उल्लंघन करते हुए मनमाने दर पर टैक्स चोरी करते हुए भूमि क्रय विक्रय का खेल कर रहे हैं वहीं माफियाओं को किसी भी प्रकार का राजस्व विभाग या नियम कानून का डर नही हैं जिससे कोतमा क्षेत्र में भू माफियाओं की अराजकता फैलती जा रही है।
अनूपपुर/कोतमा(प्रकाश सिंह परिहार) :-कानूनी व्यवस्था से विफल कोतमा क्षेत्र में राजस्व विभाग की अनदेखी राज्य प्रशासन और आम जनमानस पर भारी पड़ रही। जमीनों पर कब्जा कर अवैध तरीके से प्लाटिंग कर क्रय विक्रय का खेल राजस्व विभाग के अधिकारियों के दलाल और क्रय विक्रय में मध्यस्थता करने वाले दलालों की सक्रियता से भूमि क्रय विक्रय के मामले में अराजकता फैलती चली जा रही हैं। वार्ड क्रमांक 7 के कई भूखंडों पर अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर बेचा जा रहा है। जिन भूखंडों को अवैध तरीके से विक्रय करने का कार्य मध्यस्था करने वाले दलाल कर रहे हैं उन भूखंडों पर ना तो जल निकासी की व्यवस्था है ना ही विद्युत की कोई व्यवस्था है और ना ही पेयजल की कोई ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है जो कि वह भूमि क्रय विक्रय के नियम एवं कानून के अंतर्गत आता हो। कॉलोनाइजर तथा रेरा जैसे नियम कोतमा में कागजों तक सिमट कर रह गए हैं। राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी मूकदर्शक बैठे हुए दलालों की रोटी पर पलने को मजबूर हो चुके हैं। नोटों के बंडल ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के हाथ बंदिश में रखे हुए हैं जिससे किसी भी प्रकार की कार्यवाही पत्राचार होने के बाद भी अवैध प्लाटिंग कर्ताओं पर नहीं की जा रही है।
रजिस्टार की मिलीभगत से दलालो की बल्ले बल्ले, शासन को पहुंचा रहे टैक्स की छती
कोतमा तहसील में बैठे उप पंजीयक और अनूपपुर जिले के उप पंजीयक मिलकर जमीन की रजिस्ट्री में हेरफेर करने का काम इस समय कोतमा में जोरों से चल रहा है। अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर बिना पेड़, कुआ व तालाब दर्ज कराएं टैक्स चोरी करते हुए रजिस्ट्री कर दी जाती है। रजिस्ट्री के दौरान सबसे बड़ा झोल विक्रय किए हुए मूल के संधारण पर की जाती है। जहां सौदा 30 लाख में तय होता है वहां रजिस्ट्री मात्र 10लाख के मूल पर कराई जाती है जिससे क्रेता सरकार को दिए जाने वाले टैक्स से बच जाता है जिसके एवज में बचे हुए पैसे का कुछ हिस्सा रजिस्ट्रार को इनाम के तौर पर क्रेता और विक्रेता द्वारा दिया जाता है जिसका मूल्य दलाल द्वारा तय कर लिया जाता है। प्रशासन को हो रही राजस्व की हानि का मुख्य कारण उप पंजीयक होते हैं अगर इन उपयोग द्वारा की गई रजिस्ट्री का जमीनी स्तर पर जांच की जाए तो प्रशासन के हुए राजस्व की हानि का खुलासा करोड़ों पर हो सकता है।
बगैर अनुमति प्लाटिंग और निर्माण कार्य
कोतमा शहर से लेकर गांव तक अनुमति के बगैर जमीन की अफरा तफरी को अंजाम दिया जा रहा। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के बिना कई एकड़ खेती वाली जमीन भी बेची जा रही है। वार्ड क्रमांक 7 में नेशनल हाईवे के बगल से लगभग 3 एकड़ की भूमि दलालों और व्यवसाई द्वारा अपनी खेतिहर भूमि पर अवैध तरीके से बिना परमिशन के प्लॉटिंग कर डायवर्सन की भूमि को खंड खंड कर बेचा जा रहा है जो कि नियमों के बिल्कुल विपरीत है। सरकार से टैक्स की चोरी कर राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रशासन को चूना लगाने का काम किया जा रहा है।
कॉलोनाइजर और रेरा एक्ट का नहीं पालन
कोतमा और आसपास गांवों में कालोनाइजर एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए भू माफियाओं ने कृषि भूमि को बिना डायवर्सन कराए प्लाटिंग कर बेच दी है और बेचने का सिलसिला जारी है। कोतमा के वॉर्ड 07, वार्ड 04, वार्ड 05, वार्ड 01, वार्ड 14 और 15 के साथ कलमुडी मे भी अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीद बिक्री में भू-माफिया मालामाल हो रहे है। ऐसे ही भू माफिया बगैर प्रशासनिक अनुमति के कई एकड़ कृषि भूमि को बगैर डायवर्सन कराए अवैध प्लाटिंग कर बेचने की तैयारी में हैं। किसानों को झांसे में लेकर कम दाम में जमीन का सौदा कर बगैर प्रशासनिक अनुमति के अवैध प्लाटिंग की जा रही है।
No comments:
Post a Comment