आखिर सीएमओ के भ्रष्टाचार पर कौन दे रहा संरक्षण- जांच के बाद भी कारवाही शून्य
सीएमओ ज्योति सिंह के भ्रष्टाचार के कारनामे, ठेकेदारों के साठ - गांठ कर सरकारी राशि का किया बंदरबाट
CMO,सीएमओ पति, कंप्यूटर ऑपरेटर, लेखापाल, इंजीनियर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के दम पर करोड़ों के भ्रष्टाचार को दिया अंजाम
उपाध्यक्ष सहित कई पार्षदों ने भ्रष्टाचार की थी शिकायत- जांच टीम गठित कर कलेक्टर ने करवाई थी जांच -भ्रष्टाचार की हुई थी पुष्टि
इंट्रो :- मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह की बात की जाए तो इनके अलग-अलग कई कारनामे सामने आ चुके हैं बात करें तो बतौर सीएमओ के रूप में जब यह अनूपपुर नगर पालिका में थी तो पार्षदों से विवाद, मनमानी ढंग से कर्मचारियों की फेर बदल करना आम बात रहा इसके अलावा पति का दबदबा भी पदस्थापना वाले नगर पालिका में बराबर देखने को मिलता रहा चाहे वह अनूपपुर हो या फिर बिजुरी या फिर उमरिया नगर पालिका! सीएमओ पति का ठेकेदारों के साठ - गांठ कर भ्रष्टाचार को अंजाम देना आम बात हो चुकी थी हालांकि जनप्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर इसकी शिकायत भी अधिकारियों के समक्ष की गई! लेकिन यह पूरे भ्रष्टाचार के मामले में जिस प्रकार नगर परिषद अनूपपुर व उमरिया में उच्च अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की गई होती तो उमरिया जिले के नरोजाबाद में हुए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सकता था जिस प्रकार मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में भ्रष्टाचार मुक्त मध्य प्रदेश की गणना कर रही है वहीं दूसरी ओर नगर परिषद नरोजाबाद मे पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह ठेकेदारों के साथ साठ गांठ कर नगर पालिका अधिनियम के विपरीत कार्य करते हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया उसके बाद भी भ्रष्टाचार में संलिप्त सीएमओ कर्मचारी और ठेकेदारों पर कार्यवाही न होने से नगरी प्रशासन विभाग के मंत्री, उच्च अधिकारी और प्रदेश सरकार की भी जमकर किरकिरी हो रही है और मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के जीरो टॉलरेंस के बीच भ्रष्टाचार में संलिप्त नरोजाबाद मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह भारी दिखाई दे रही है!
प्रकाश सिंह परिहार की कलम से
शहडोल/उमरिया :- सरकारी पैसों को लूटने की सोच रखने वाले मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह और उनके पति करोड़ों का सपना संजोए हुए नगर विकास की जगह भ्रष्टाचार में संलिप्प्ट कंप्यूटर ऑपरेटर को बात बतौर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रखते हुए बिजुरी मनेद्रगढ़ कटनी सहित आसपास के ठेकेदारों से परसेंटेज में फर्म लेकर मास्टरमाइंड विनोद के साथ मिलकर नरोजाबाद नगर पालिका के फंड को खाली करने की प्लानिंग बनाते हुए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों के सहारे मार्केट रेट से ज्यादा खरीदी, जेम पोर्टल के माध्यम से करोड़ों की खरीदी कर भ्रष्टाचार को अंजाम देने का कार्य किया गया जिसकी जानकारी लगते ही नपा उपाध्यक्ष सहित परिषद पदाधिकारी ने भी शिकायत की है!
भाजपा उपाध्यक्ष,पार्षद, जनप्रतिनिधियों ने की थी शिकायत
नौरोजाबाद मुख्य नगर परिषद् अधिकारी श्रीमती ज्योति सिंह के द्वारा लेखापाल दिनेश चौधरी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया गया जिसमें दिनांक 16/08/2024 के परिषद् बैठक के बाद मुख्य नगर परिषद् अधिकारी ज्योति सिंह ने पत्रकारों को बाईट देते हुए बोला की पार्षद अपने लेटर पैड पर किसी सामान की डिमांड देते थे तो मैं एक एक लाख की फाइल बनाकर खरीदी कर लेती थी क्यों की उसी समय आचार संहिता खत्म हुई थी और नगर परिषद् की आई डी भी नहीं बनी हुई थी, यह बात मुख्य नगर परिषद् अधिकारी ज्योति सिंह सरासर झूठ बोल रही है, उन्होंने आचार संहिता रहते हुए ही लाखो रूपए का सामान आचार संहिता का उलंघन करते हुए क्रय किया है जिसकी तारिख की जांच की जा सकती है और नगर परिषद् की आई डी जेम पोर्टल की सालो पहले बनी हुई थी वह तो थी ही आज भी उसी आई डी में काम हो रहा है और यदि ई निविदा के लिए डिजिटल सिग्नेचर की बात कर रही है तो वो तो यहाँ एक घंटे में बन जाता है फिर ये गुमराह करने वाली बाईट क्यों? सच यह है की इन्होने अपने पुराने भ्रस्टाचार की परंपरा को कायम रखते हुए एक-एक लाख की सत्तर अस्सी फाइल बना डाली और आनन फानन भुगतान भी कर डाला, इन फाइल में जो अनुबंध किया हुआ है वह सभी सप्लायर चाहे मेसर्स मेलोब, मेसर्स संजय मिश्रा, मेसर्स गीतांजली मिश्रा, मेसर्स विराट कंस्ट्रक्शन सहित अन्य सभी में अनुबंध में एक ही आदमी ने हस्ताक्षर किये है और उसमे लोकल गवाहों के जगह पर भी उसी आदमी ने कुछ भी नाम से हस्ताक्षर किया हुआ है, यह भी जांच का विषय है की एक लाख की कोटेशन सूचना यदि बोर्ड पर चस्पा हुई तो सिर्फ इनको ही कैसे पता चला जबकि ये सब सप्लायर भोपाल विजयराघौगढ़, मनेन्द्रगढ़ से है, स्थानीय व्यापारी इनमे से कोई भी नहीं है तो ऐसा कैसे संभव है की ये तो निविदा भर देते थे लेकिन स्थानीय व्यापारी को पता तक नहीं चलता था!
सप्लायरों का कोटेशन सीएमओ पति बनाकर करते थे हस्ताक्षर
शिकायतकर्ता एवं पार्षद ने मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री,आयुक्त, संयुक्त संचालक और कलेक्टर से शिकायत करते हुए बताया कि मेसर्स मेलोब, मेसर्स संजय मिश्रा, मेसर्स गीतांजली मिश्रा, मेसर्स विराट कंस्ट्रक्शन सहित अन्य कई सप्लायर का कोटेशन मुख्य नगर परिषद् अधिकारी ज्योति सिंह के पति अपने घर पर ही बनाते थे, वही हस्ताक्षर बदल बदल कर करते थे, क्कोटेशन मुख्य नगर परिषद् अधिकारी ज्योति सिंह खुद लेकर आती थी, सामान जिस गाड़ी में आता उसमे न तो बिल रहता न सप्लायर का कोई आदमी, मुख्य नगर परिषद् अधिकारी ज्योति सिंह ऑफिस के कर्मचारियों को फ़ोन करके गाडी खाली कराती, कभी डंपिंग यार्ड में तो कभी उमरिया अपने घर में, वो भी रात में और बाद में बिल, चालान स्वयं मुख्य नगर परिषद् अधिकारी ज्योति सिंह लेकर आती और या तो ऑफिस में या अपने घर में कर्मचारियों को बुलाकर फाइल रेडी करती और दिनेश चौधरी, लेखपाल से मिली भगत करके रातोरात भुगतान करती।मुख्य नगर परिषद् अधिकारी अध्यक्ष को मैनेज करने के लिए नियम विरुद्ध एक बोलेरो मासिक किराये पर फ्री डीज़ल व्यवस्था के साथ दी हुई है, उनके घर में इन्वेर्टर और ऐ सी, ऑफिस के नाम से खरीद कर दी हुए है ताकि उनकी तरफ से विरोध न हो।एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम में तो इन्होने नारे तक को शर्मसार कर दिया, एक लाख अस्सी हज़ार एक दैनिक वेतन कर्मचारी के नाम से लेखापाल दिनेश चौधरी के साथ मिलकर अग्रिम देते हुए उसके खाते से नगद निकलवा कर आपस में बाँट लिए गए और जो पेड़ इन्होने दिखावे के लिए लगाए भी, वो सब के सब सूख चुके है क्यों की पानी देने में तो कमीशन मिलता नहीं। निकाय में सब इंजीनियर के होते हुए भी ये फाइल को दैनिक वेतन कर्मचारी आकाश यादव से करा रही है क्यों की दैनिक कर्मचारी इनके दबाव में आ जाते है स्वच्छता के नाम से लाखो का फिनायल, ब्लीचिंग, मलेरिआ आयल, फोगिंग आयल, बायो कूलैंट पाउडर खरीद कर नालियों में बहा के ख़तम करा दिया गया की जांच हो तो सामान ही न मिले। बीसो लाख की स्ट्रीट लाइट आयी तो लेकिन वापस मार्केट में लेखापाल के साथ मिलकर बेच दी गयी, पुरानी लाइट्स को ही रिपेयर कराकर कोरम पूरा कर दिया गया, क्रय आदेश में जिस कंपनी की लाइट क्रय करने का आदेश है, उस कंपनी की एक भी लाइट निकाय में नहीं है पार्षदो के विरोध करने पर अयोग्य कराने की धमकी देती है, थाने में रिपोर्ट की धमकी देती है, आदिवासी एवं हरिजन पार्षदों को जातिसूचक शब्दों से बेइज्जत करती है जिसकी कुछ पार्षदों ने लोकल थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी है!
कलेक्टर ने गठित की थी जांच टीम-भ्रस्टाचार की हुई थी पुस्टि
नगर पालिका उपाध्यक्ष द्वारा की गई शिकायत के आधार पर जिले के नवरोजाबाद नगर परिषद में प्राप्त भ्रष्टाचार के आरोपी की जांच एक समिति द्वारा की गई जिससे किए गए अनियमित व व्यापक भ्रष्टाचार की परते खुल गई चाहे सबमर्सिबल पंप खरीदी का मामला हो पानी टंकी खरीदी, वाटर कूलर की क्षमता कम भुगतान ज्यादा, वाहनों के संधारण कार्य, लैपटॉप में एमआरपी से अधिक भुगतान एलईडी व ट्री गार्ड खरीदी में भी भारी भ्रष्टाचार कर सरकारी पैसे का दोहन किया गया है लेकिन जांच उपरांत भी आज तक कार्रवाई नहीं हो पाई!
सीएम मोहन यादव के जीरो टॉलरेंस के बीच सीएमओ भ्रष्टाचार पर आखिर किसका संरक्षण
उमरिया जिले के नरोजाबाद नगर परिषद की मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा जिस प्रकार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी व ठेकेदारों के साथ मिलकर जिस प्रकार विकास कार्य हेतु सरकारी पैसों का दोहन कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है और अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही भी नहीं की गई उससे यह प्रतीत होता है कि नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियो के मूक सहमति से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया जिससे कुछ बिंदिओ में जांच उपरांत शिकायत की पुष्टि होने के बाद भी मुख्य नगर पालिका अधिकारी ज्योति सिंह के रसूक के सामने कार्यवाही लंबित है नगर में चर्चा यह भी है कि किए गए भ्रष्टाचार मे कमाए गए पैसों के दम पर सीएमओ पर कार्यवाही लंबित है अब देखना यह है कि उक्त भ्रष्टाचार मामले में नगरी प्रशासन विभाग के अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं या फिर मामला ठंडा बस्ते के हवाले करते हुए भ्रष्टाचार मामले मे अधिकारी कर्मचारी व ठेकेदारों पर कार्यवाही के जगह संरक्षण देने का कार्य किया जाएगा!
इनका कहना है
हमारे द्वारा नगर पालिका मे हो रहे अनियमित व भ्रष्टाचार की शिकायत कलेक्टर एवं संयुक्त संचालक, मुख्यमंत्री आयुक्त एवं अन्यत्र लोगों के समक्ष की गई है जिसमें कलेक्टर एवं संयुक्त संचालक शहडोल द्वारा जांच करने की बात कही जा रही है हमें सब जगह से आश्वासन ही मिल रहा है कार्रवाई कुछ भी नहीं हो रही है!
नईम बेग
उपाध्यक्ष नगर पालिका परिषद नरोजाबाद
इस संबंध में संयुक्त संचालक नगरी प्रशासन विभाग शहडोल आर. एस मंडलोई से मोबाइल नंबर 8435959876 मे संपर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन कॉल नहीं उठा!
अगले अंक में पड़े मास्टरमाइंड कंप्यूटर ऑपरेटर विनोद की कहानी..........!!
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